एक दुर्भाग्यपूर्ण कारण से ही हमे खुशिया मायावी लगती है हमारे दिमाग को उस तरह से नही जोड़ा गया है या उस तार से नही जोड़ा गया है जिससे हम खुश रहे सके। जबकि हमारा दिमाग काम को करने के लिए, जीवित रहने के लिए, अपनी रक्षा करने के लिए, सुरक्षित रहने के लिए विकसित हुआ है।
भले ही हमारे पास संतोष के पल ओर आनद के पल है ओर आते भी है। परंतु हमारे मे से कुछ लोग फिर भी नकारात्मक विचारो, सोचों से भरे हुए रहते है। वो लोग इस दल दल मे फसते ही जाते है क्योकि एक के बाद एक नकारात्मक बातों ने उन्हे घेर लिया होता है। काम करते हुए, खाते हुए, सोते हुए, हर पारिस्थतियों मे नकारात्मक विचारो को लाते है। हम अपने जीवन मे अधिक आनंद ओर खुशिया कैसे लाये? कैसे अपनी जिंदगी मे चल रही खुशियो को बनाए रखने का प्रयास ओर अभ्यास करते है। एक तरह से हमारी जिंदगी के जीवन के तरीको को एक बार वापिस सही करना होगा। ये रातो रात हो जाए या जैसे एक मोबाइल फोन के रीसेट करते है जो कुछ टाइम मे ही या कुछ पल मे ही सही हो जाता है ऐसा तो हो नही सकता इसके लिए कुछ समय लगता है। परंतु यहा 10 बाते ओर शीर्ष है जिससे आप अपना कर खुश रहने के रहस्य को जान सकते है ओर खुशी जीवन बिताया जा सकता है।
भले ही हमारे पास संतोष के पल ओर आनद के पल है ओर आते भी है। परंतु हमारे मे से कुछ लोग फिर भी नकारात्मक विचारो, सोचों से भरे हुए रहते है। वो लोग इस दल दल मे फसते ही जाते है क्योकि एक के बाद एक नकारात्मक बातों ने उन्हे घेर लिया होता है। काम करते हुए, खाते हुए, सोते हुए, हर पारिस्थतियों मे नकारात्मक विचारो को लाते है। हम अपने जीवन मे अधिक आनंद ओर खुशिया कैसे लाये? कैसे अपनी जिंदगी मे चल रही खुशियो को बनाए रखने का प्रयास ओर अभ्यास करते है। एक तरह से हमारी जिंदगी के जीवन के तरीको को एक बार वापिस सही करना होगा। ये रातो रात हो जाए या जैसे एक मोबाइल फोन के रीसेट करते है जो कुछ टाइम मे ही या कुछ पल मे ही सही हो जाता है ऐसा तो हो नही सकता इसके लिए कुछ समय लगता है। परंतु यहा 10 बाते ओर शीर्ष है जिससे आप अपना कर खुश रहने के रहस्य को जान सकते है ओर खुशी जीवन बिताया जा सकता है।
1.
सकारात्मक विचार पर ध्यान दे
जैसा के हम जानते है की आज के इस चलते जीवन मे सुख ओर दुख दोनों आते जाते है सुख ओर खुशिया इस लिए आती है क्यूकी हम खुशी ओर आनद तब महसूस करते है या किसी इंसान, वस्तु, काम के होने वाले सकारात्मक प्रभाव को हम बार बार सोचते ओर विचारते है। किसी इंसान के प्रति या किसी भी प्रकार के वस्तु के लिए नकारात्मक भावना को सकारात्मक भावना मे बदलना की जरूरत है।
जेसे की, कोई काम को लेके हम चिंता मे रहते है की कब ये कम होगा केसे होगा या वो कम जब हम करना ही नही जानते ओर वो कम किसी इंसान के कारण आसानी से हो जाता है तब हम उससे इंसान के प्रति सकारात्मक भावना लेके आते है ओर हम बार बार उसका धन्यवाद करते है। ओर जब कभी उस इंसान के बारे मे हम सोचते है तो हमे खुशी का आभास होता है। इसी तरह से अगर हम किसी काम के प्रति सकारात्मक तरह से विचार करते है तो हमे आनद का आभास होता है। दिन मे दो या तीन मिनट सकारात्मक विचारो के लिए निकले ओर उन चीज़ों के बारे मे सकारात्मक बाते सोचों जो भी आपको पसन्द हो। आपको लगेगा के आपका दिमाग कुछ ही दिनो मे आपका सोचने का तरीका बदल रहा है।
2.रचनात्मक बने
हम कलाकारो को अक्सर देखा करते है जिससे हमे उनके जेसा बनने का मन करता है उनके काम ओर कलाकारी हमे उनकी ओर आकर्षित करती है जब जब हम उनके कार्यो को देखते है तो बहुत रोमोनाचक भी लगते है जिससे उनके जेसा कार्यो को करने को मन भी कर्ता है। कुछ हद तक ये कार्ये उबाऊ भी लगते है। जब इन कार्यो को करने के टाइम पे ये कार्ये हमे खुशिया देते है जो लोग अपनी कल्पना का उपयोग करते हुए समय बिताते है ओर रचनात्मक कार्यो को करते है जल्दी ही उन्हे खुशी का अनुभव होने लगता है उनमे कार्यो को लेके आनद ओर अनुभव का अहसास बाद जाता है ओर काम ओर अधिक करने लगते है। इन कार्यो मे शामिल होने वाले कार्ये जेसे; चित्रकला, सगीत, वाद्यन्त्र बजाना, नाटक कलाकारी जैसे कार्यो आते है। एक इंसान अगर कोई चित्र का कार्य कर्ता है वह पूरी तरह से उसमे लिन हो जाता है उसके पास शोक ओर दुख जेसे बातों के लिए समय नही रहता है उस कार्यो से खुशी का आभास होने लगता है
3.वो करे जो आपको पसंद हो
अक्सर इंसान वो कार्य करता है जो उसे पसंद नही होता है जैसा के नोकरी क्यूकी नोकरी इंसान के पसंद से नही के जाती है अक्सर इंसान को उसकी पसंद के विपरीत कार्यो को करना पड़ता है ओर इस परिस्थिति मे खुश रहना ओर आनदमय रहना आसान नही होता है। क्यूकी इंसान के खुशी के अनुसार उससे काम मिलना कठिन होता है। दूसरी तरफ नोकरी नही होने के कारण इंसान का खुश रहना कठिनाइयो से भरा होता है। इसलिए आपने जीवन के अनमोल वर्षो को आनदहिन नोकरी मे बर्बाद न करे हम नोकरी या कोई नापसंद का काम बिलो के भुगतान करने के लिए करते है। आप अगर किसी कार्य मे रुचि रखते है? किसी कम के प्रति भावुक है? तो ऐसे क्षेत्र मे अपना भविष्य बनाने पर ध्यान दे जो आपको प्रेरित करता है ओर आगे बढ्ने मे काम आए जिससे आप मन ओर खुश रहकर कार्यो को करेगे जिससे आपको खुशी मिलेगी।
4.अपने आप मे रहो
अपने आस पास के लोग अक्सर अपने तुलना दूसरों से करते है यहा तक के हम भी कई बार यही करते है। अगर ज़िंदगी मे खुशी ओर आनद लेना है तो अपनी तुलना दूसरों से करना बंद कर दो ओर अपनी सभी चीज़ों के तुलना के तुलना दूसरों के चीज़ों से करना बंद कर दो जो हर किसी के पास है। आपके पास जो है उसको पहचानो दूसरों के पास क्या है? क्या नही है? उसकी चिंता करना छोड़ दे सभी के पास अपना अपना है हमारे पास उससे भी अच्छा है ये सोचे उसके पास है वो उसके काम का है हमारे पास है वो हमारे काम का है। दूसरों के ज़िंदगी के बारे मे सोचना बंद करे उनके बारे मे सोच कर समय क्यो बर्बाद करना। स्वीकार करे के आप कोन है? अपने अंदर के दुनिया को महसूस करे।
5.प्रक्रति के साथ
समय व्यतित करे
अक्सर इंसान अपनी रोजमरा की व्यस्त ज़िंदगी मे आपने आस पास के वातावरण को देख ही नही पाता जिस प्रक्रति से मिलकर इंसान बना है वह उस से ही वंछित रह जाता है। एक बार उस सुहानी सुबह को महसूस करके देखो। उगते हुए उस सूरज के किरणों को अपने चेहरे पर महसूस करके देखो। सुबह के शांति मे अपने आप को महसूस करके देखो उस खुशी का आभास होगा जिस खुशी के तलाश आप रोज करते हो। आध्यनों से पता चलता है की मानव अपने आस पास के प्राक्रतिक दुनिया के साथ होता है उसे खुशी का उतना ही आभास होता है जितना वो आई हुई खुशी से मिलता है। वह अपनी पीड़ा को भुला देता है ओर प्रक्रति के सुंदर नजारे के साथ खो जाता है। प्रक्रति से हमारा संबंध सकारात्मक मानसिकता को स्वस्थ बनाए रेखने मे मदद करता है।
6.चिंता करना बंद करो
इंसान के दुखी रहने के एक करना ये भी है के वह खुद से ज्यादा लोगो के चिंता करते है की उसने क्या कर दिया? क्या किया? क्यो किया? वो ऐसा करता है। जिसके कारण उन्हे ही दुख का सामना करना पड़ता है। हमारी ज़िंदगी मे परेशानिया तो आएगी ओर लोगो के भी आयेगी इसलिए जो ज़िंदगी मे आना है उसके बारे मे चिंता क्यो करना? हमे आने वाली परेशानियों की चिंता को छोड़ कर। लोगो की ज़िंदगी मे होने वाली बातों को छोड़ कर अपनी ज़िंदगी मे आयी हुई उन सभी खुशियो ओर आनद का मजा लेना चाइए उस पल को महसूस करना चाइए। अगर किसी एक बात को बार बार सोच कर हम ओर अधिक चिंता मे पड़ जाते है ओर हम चिंताग्रस्त हो जाते है। मन के शांति भंग हो जाती है। इसलिए किसी भी प्रकार के बात पर ज्यादा विचार नही करना चाहिए। अक्सर हम कही न कही ये मानते है की चिंता करने से बुरी चीज़ों को रोका जा सकता है। पर सच्चाई ये है के हम ओर ज्यादा चिंताग्रस्त हो जाते है।
7.खुश लोगो के साथ समय बिताओ
मनोवेज्ञानिक कहते है की अक्सर हम जिस वातावरण मे
हम रहते है उसके कुछ गुण इंसान मे आ जाते है। जिस तरह एक इंसान पढ़ाई करने वालो के
बीच मे बेटे रहने से उसमे पढ़ने के भावना अपने आप आने लग जाती है ओर उसकी मानसिकता
सकारात्मक बातों के संपर्क मे आ जाती है उसी प्रकार ज्यादा हसने वाले लोगो ओर
मज़ाकिया लोगो के साथ समय बिताने से उनके खुश रहने के कारण का पता चलता है ओर हम
उनकी बातों के सहारे खुशी को महसूस करने लग जाते है क्योकि एक हसमुख व्यक्ति के
साथ रहने से हमे खुशी का आभास होता है ओर एक दुखी इंसान के साथ समय बिताने से हम
भी सोच मे पड़ जाते है ओर दुख के समंदर मे डूब जाते है। हमे इससे पता चलता है की एक
इंसान से दूसरे इंसान मे भावना को स्थानांतरित किया जा सकता है। लंबे समय तक खुशी
पाने के लिए हमेशा लोगो के साथ समय बिताए।
8.बातों का साझा करे
इंसान के अंदर भावना का भंडार होता है ओर इंसान दिन मे कई बातों को सोचता है कुछ अच्छी होती है कुछ बुरी ओर इन बातों मे वह उलझ कर रह जाता है। जब इंसान को कोई दुख सता रहा होता है तो वह अपने मन के बात को बताना चाहता है पर इंसान कही बार ये सोच कर रह जाता है की सामने वाला क्या सोचेगा इसलिए वह बात को मन मे ही दबाये रखता है जिससे वह मन ही मन मे दुखी होता है। अध्यन से पता चलता है की इंसान अपने मन के बात दूसरों को बताने ओर अपनी भावनों को दूसरों के साथ बाटने से दिल ओर मन का पड़ा बोझ कम होता है ओर खुले हवा मे सांस लेने के तरह सांस लेता है वह कही हद तक आपने दुख को भुला देता है। कहते है दुख बटने से कम होता है ओर खुशिया बाटने से बढ़ती है।
9.कसरत ओर व्यायाम करे
9.कसरत ओर व्यायाम करे
मनोवेज्ञानिक खोज से पता चलता है की मनुष्य जितना ज्यादा स्वस्थ रहता है उतना खुशी ओर आनद महसूस करता है। एक स्वस्थ ओर अच्छी शारीरिक रचना एक मनुष्य अधिक प्रसन्न ओर खुश रहता है। कसरत ओर व्यायाम एक शरीर के रचना ही नही बदलता है बल्कि मनुष्य के सकारात्मक मानसिकता को भी विकसित करता है। जिससे मनुष्य का बर्ताव ओर मन भी बदलता है जिससे मनुष्य खुशी के भावना को महसूस करता है।
10. क्रतज्ञता महसूस
करे
इंसानी भावना को खुश ओर प्रसन्न करने के लिए मनुष्य का क्रतज्ञ होने ( धन्यवाद प्रकट करने ) से इंसान खुशी को महसूस करता है। हम अक्सर किसी काम के पूरा होने से धन्यवाद करने से हमारे अंदर खुशी के भावना उठती है हम अंदर हे अंदर खुशी महसूस करते है। इसलिए हमे इस दुनिया मे जो कुछ भी मिला है जेसे की किसी इंसान ने हमारा कोई कम किया हो, या किसी भी प्रकार से हमे मदद के हो जिनके होने से हमारा काम हमारे पर आई आपदा का निवारण हुआ हो उसके लिए हमे धन्यवाद करना चाहिए जिससे हमारा मन मे उस इंसान ओर उस चीज़ के प्रति प्रेम का भाव प्रकट हो सके। हमे दिन मे किसी भी 2 या 3 चीज़ों के लिए क्रतज्ञन होना चाहिए। ओर उसके प्रति सकारात्मक भावना से विचार करना चाहिए।
11. दूसरों के सह्यता करे
11. दूसरों के सह्यता करे
आज कल हर इंसान हर किसी इंसान की किसी न किसी प्रकार से मदद करता ही है। इंसान के अंदर की भावना के कारण वह दूसरों के मदद करता है जिससे इंसान को खुशी का होना महसूस होता है। हम किसी इंसान या किसी के भी मदद करने के बाद अंदर से खुश होते है। दूसरों के चहरे पर आयी उस मुस्कान से हम भी खुश होते है। जब भी मोका मिले हमे एक दूसरे के मदद करना चाहिए।
12. संगीत सुनने
12. संगीत सुनने
सभी के मन मे कोई न कोई बात चलती ही रहती है चाहे अच्छी बात हो या बुरी अगर अच्छी बात है तो हम खुश रहते है इस बीच कोई दुखी करने वाली बात आ जाती है तो हम दुखी हो जाते है ओर हम उसके बारे मे सोच सोच के परेशान हो जाते है जिससे हमारा मन दुखी रहता है हम कुछ समय के लिए कोशिश भी करते है ध्यान इधर उधर करने का परंतु कुछ समय मे वापिस वही बात मन मे आ जाती है हम आपने आप को उस बात से छुटकारा नही पा सकते। पर संगीत एक ऐसा रास्ता है जिससे हम अपने आप को उस पारिस्थतियों से निकाल कर दूसरी परिस्थतियों मे आ जाते है हम जब अपने पसंद के गाने सुनते है या कोई हसी मज़ाक वाला मूवी देखते है तो हम आपने अंदर एक खुशी महसूस करते है। जब भी हम किसी प्रकार के दुखी बाटो को सोचने का समय आए तो हमे संगीत को चुनना चाहिए।
Read More:- 10 Tips of Personalty Development in Hindi By Secret Of Life
Read More:- 10 Tips of Personalty Development in Hindi By Secret Of Life
Post a Comment