भारत में केंद्र सरकार द्वारा दस लाख शिक्षित बेरोज़गार युवाओं और महिलाओं को स्थायी स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिए वर्ष 1993 में PMRY (प्रधान मंत्री रोजगार योजना) की शुरुआत की गई है। PMRY को आठवीं योजना अवधि के दौरान शुरु किया गया था। यह योजना व्यापार, और सर्विस सेक्टर में अपना व्यापार शुरू करने में आर्थिक सहायता प्रदान करती है।


PMRY का लक्ष्य 2 साल 6 महीने में सेवा क्षेत्र और व्यवसायों को शामिल करने के माध्यम से 7 लाख छोटे व्यवसायों की स्थापना करना है। छोटे उद्योग (SSI) का उद्देश्य स्थानीय संसाधनों का उपयोग करना, उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होता है। यह कहीं न कहीं छोटे स्तर पर स्थानीय बाज़ार का नुकसान भी करता हैं।


प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • EDP ट्रेनिंग सर्टिफिकेट
  • प्रस्तावित प्रोजेक्ट प्रोफाइल की एक कॉपी
  • अनुभव, योग्यता, तथा अन्य सर्टिफिकेट
  • जन्मतिथी का प्रमाण (SSC सर्टिफिकेट या स्कूल TC )
  • 3 साल के आवास का प्रमाण, राशन कार्ड या अन्य
  • MRO (Mandal Revenue Officer) के द्वारा जारी इनकम सर्टिफिकेट
  • जाति सर्टिफिकेट (अगर आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं तो)

PMRY लागू करने की प्रक्रिया

उद्योग निदेशालय और जिला उद्योग केंद्र प्रमुख निकाय हैं जो बैंकों के साथ इस योजना लागू करने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। योजना को लागू करते समय आर्थिक गतिविधियों की पहचान, उम्मीदवारों को चुनना और आवश्यक बुनियादी ढांचे की पहचान और बैंकों के साथ संपर्क आदि कार्य शामिल होते हैं।

कार्यवाहक कमेटी के आवश्यक कार्य

  • उम्मीदवारों का चयन और प्रेरणा देना
  • सहायक गतिविधियों को चुनना
  • व्यवसाय, सेवा और गतिविधियों की पहचान करना और कार्य योजना तैयार करना
  • लोन के लिए सिफारिश करना
  • संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति लेना

औद्योगिक क्षेत्र के लिए PMRY की ओर से प्रति व्यक्ति ट्रेनिंग का खर्च 1,000 रु. (स्टाइपेंड के साथ) होता है, वहीं व्यापार और क्षेत्रों के लिए 500 रु ( स्टाइपेंड के साथ )। अन्य खर्च करना या खर्चों को बढ़ाने की अनुमति है और उसका रिकॉर्ड आगे भेज दिया जाता है। इसलिए, यह भारत की केंद्र सरकार द्वारा शिक्षित युवाओं और महिलाओं के बीच बेरोजगारी को कम करने की एक बड़ी पहल है और उन्हें उनकी बुनियादी या घरेलू ज़रूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

PMRY योजना में बदलाव

  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए आयु सीमा 35 वर्ष से 10 वर्ष अधिक की गई है।
  • योजना के तहत शैक्षिक योग्यता 10 वीं कक्षा से 8 वीं कक्षा तक घटा दी गई है।
  • प्रति प्रोजेक्टलागत की अधिकतम सीमा भी 1 लाख रु. से 2 लाख रु. तक बढ़ा दी गई है।
  • योजना कृषि और संबद्ध गतिविधियों को कवर करेगी और प्रत्यक्ष कृषि कार्यों को शामिल करेगी, जैसे खाद और इसकी खरीद, फसल उगाना, आदि।
  • प्रति समूह को अधिकतम 5 लाख रुपये तकमिल सकते हैं।
  • भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों में आयु सीमा 40 वर्ष तक बढ़ाई गई।

PMRY योजना में कवर की जाने वाली प्रोजेक्ट राशि

सेक्टरप्रोजेक्ट लागत
बिज़नेस सेक्टर₹ 2 लाख
सर्विस सेक्टर₹ 5 लाख
उघोग सेक्टर₹ 5 लाख

PMRY के लिए कैसे आवेदन करें

स्टेप 1: PMRY की वेबसाइट पर जाएं।

स्टेप 2: आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें व उसमें सही जानकारी भरें।

स्टेप 3: फॉर्म को उस बैंक में सबमिट करें जो PMRY के तहत आता है, जिसके बाद संबंधित बैंक आपसे सम्पर्क करेंगा।

PMRY योजना की विशेषताएं

  • PMRY केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना है।
  • अपने व्यवसाय की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए 15-20 दिनों के लिए लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • इस योजना का प्रमुख निकाय लघु उद्योग, ग्रामीण और कृषि मंत्रालय, उद्योग के तहत विकास आयुक्त है
  • आयुक्त/ निदेशक उद्योग देश के चार महानगरों को छोड़कर राज्य स्तर पर इस योजना को लागू करते हैं।
  • हर तिमाही, राज्य स्तरीय PMRY समिति,योजना की प्रगति की जांच करती है।
  • इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसियां देश के महानगरीय शहर हैं।
  • छोटे चाय बागानों, मछली पालन, मुर्गी पालन, सूअर पालन और बागवानी के क्षेत्रों का विस्तार करना।
  • लाभार्थी के व्यवसाय के आरंभ के लिए आसान समान मासिक किस्तें (EMI)

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए राहत मानदंड और उपाय

  • 15% की दर से सब्सिडी अधिकतम 15,000रु.।
  • 2 लाखरुपये तक की लागत वाले प्रोजेक्ट के लिए सहायता।
  • परियोजना की लागत 5% से 5% तक भिन्न हो सकती है।

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