भारतीय वायुसेना में राफेल की धमाकेदार एंट्री से डर गया पाकिस्तान, चीन से मांगी
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के बेड़े में आज विधिवत राफेल लड़ाकू विमान की धमाकेदार एंट्री हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री की मौजूदगी में आज पांच राफेल को हरियाणा के अंबाला स्थित एयरबेस में विधिवत शामिल किया गया। भारतीय वायुसेना में राफेल (Rafale fighter jet) के शामिल होने से पाकिस्तान (Pakistan) इस कदर डर गया है कि उसने चीन से मदद मांगी है।
मीडिया रिफोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की तरफ से चीन से J-10 फाइटर जेट की मांग की गई है। हालांकि पाकिस्तान इसकी मांग तकरीबन दस वर्षों से करता आ रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। हाल ही में पाकिस्तान ने J-10CE को लेकर हाल में फिर बातचीत शुरू की है। साथ ही पाकिस्तान चीन से PL-10 और PL-15 खरीदने की भी इच्छा रखता है।
राफेल के आगे में कहां तक टिकता है जे-10
चीन का जे-10CE एक मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है, जो किसी भी मौसम में उड़ान भरने की क्षमता रखता है। वजन में हल्का होने के कारण इस फाइटर जेट को ऊंचाई वाले इलाकों में भी आसानी से ले जाकर दुश्मनों पर हमला किया जा सकता है। यह एक बार में यह 1,850 किलोमीटर की उड़ान भरने में सक्षम है।
राफेल की खासियत
राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना (आईएएफ) में आमूलचूल बदलाव होगा, क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं। राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है और इसकी मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।
राफेल में बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी जगहों और काफी ठंडे मौसम में भी लड़ाकू विमान तेजी से काम कर सकता है। राफेल 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी है।
राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। यह लड़ाकू विमान परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है। यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है। यह 150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल है।
राफेल एक मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस है। पाकिस्तान का एफ-16 राफेल के सामने कुछ भी नहीं है। राफेल के सामने पाकिस्तान को अपने दो-तीन एफ-16 लड़ाकू विमान लगाने पड़ेंगे।
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